Wednesday, April 15, 2009

अब्राहम लिंकन के बहाने अशोकन फेयरवेल

अब्राहम लिंकन की गणना अमेरिका के महानतम राष्ट्रपतियों में होती है. गृह युद्ध के उथल-पुथल भरे दौर में राष्ट्रपति रहे लिंकन ने अलगाववादी दक्षिणी राज्यों के समूह (कंफेडरसी ) के खिलाफ संघ को विजय दिलाने में निर्णायक भूमिका निभाई. इसी अनुषंग में उन्हें अमेरिका में दास प्रथा को समाप्त करने के लिए भी याद किया जाता है. गत फ़रवरी में लिंकन की द्विशती मनायी गयी.
अमेरिका के प्रचलित इतिहास में गृह युद्ध भावनाओं को उभारने वाला अध्याय है. प्रचलित इतिहास इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि एक वह इतिहास भी है जिसे जन-इतिहास या पीपुल्स हिस्ट्री कहा जाता है. महान अश्वेत नेता फ्रेडरिक डगलस ने लिंकन के बारे में कहा था कि "विशुद्ध दासता-विरोधी दृष्टिकोण से देखा जाए तो लिंकन मंद, रूखे, सुस्त और उदासीन प्रतीत होते हैं. मगर देश की जन-भावना के हिसाब से नापा जाए- वह भावना जिस पर ध्यान देने के लिए एक राजनीतिज्ञ के तौर वे बाध्य थे- तो वे तेज़, उत्साही, रैडिकल और दृढ़संकल्प थे."
केन बर्न्स ने गृह युद्ध पर बड़ी शानदार डॉक्युमेंटरी बनायी है. पीबीएस चैनल पर 1990 में हुआ इसका प्रसारण चार करोड़ लोगों ने देखा और आज भी इसकी गिनती पीबीएस के सर्वाधिक लोकप्रिय प्रसारणों में होती है.इस डॉक्युमेंटरी में एक धुन पार्श्व में कई बार सुनाई देती है और सुनने वाले को अवसाद से भर देती है. जे उन्गर द्वारा रचित इस धुन का नाम 'अशोकन फेयरवेल' है; यह एक शोकगीत है. ये एकल वायोलिन से शुरू होती है और बाद में गिटार का स्वर भी इसमें जुड जाता है.
यूट्यूब पर अशोकन फेयरवेल के कई संस्करण मौजूद हैं. यहाँ सुनते/देखते हैं वह संस्करण जो किसी ने लिंकन को श्रद्धांजली के तौर पर पोस्ट किया है. 144 सालों पहले आज ही के दिन अब्राहम लिंकन की हत्या हुई थी.


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